6 बार उपमुख्यमंत्री 30 साल सत्ता मे अजित पवार ने ऐ कैसे किया...!
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अरबाज पठाण ( वर्धा )
Ajit Pawar महाराष्ट्र के एक प्रमुख राजनेता हैं और उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उनके छह बार डिप्टी सीएम बनने की कहानी उनके राजनीतिक कौशल, पार्टी के भीतर और बाहर उनके प्रभाव, और बदलते राजनीतिक समीकरणों का परिणाम है।
1. शरद पवार का साथ और परिवार की राजनीति
अजीत पवार, एनसीपी के प्रमुख शरद पवार के भतीजे हैं। शरद पवार ने अजीत पवार को राजनीतिक विरासत में बड़ी भूमिका निभाने का मौका दिया।
पार्टी के अंदर उनका बड़ा दबदबा है, और वे संगठन को मजबूत बनाए रखने के लिए अहम माने जाते हैं।
2. महाराष्ट्र की गठबंधन राजनीति
महाराष्ट्र में राजनीतिक गठबंधन का इतिहास काफी जटिल है। अजीत पवार ने कांग्रेस, एनसीपी, और शिवसेना के साथ गठबंधन सरकारों में बड़ी भूमिका निभाई।
2019 में उन्होंने बीजेपी के साथ कुछ समय के लिए गठबंधन कर उपमुख्यमंत्री की शपथ ली, लेकिन यह प्रयोग असफल रहा।
3. प्रशासनिक अनुभव और जनाधार
अजीत पवार को प्रशासनिक अनुभव और कृषि, सिंचाई, और विकास के क्षेत्र में उनके काम के लिए जाना जाता है।
उनके पास महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत जनाधार है, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति मजबूत रहती है।
4. राजनीतिक समझौते और रणनीति
महाराष्ट्र में कई बार राजनीतिक संकट के समय अजीत पवार को संकटमोचक के रूप में देखा गया है।
2023 में एनसीपी में टूट के बाद उन्होंने बीजेपी और एकनाथ शिंदे की सरकार के साथ जुड़कर फिर से डिप्टी सीएम का पद संभाला।
5. सिंचाई घोटाले के आरोप और राजनीतिक सफाई
उन पर सिंचाई घोटाले के आरोप लगे, लेकिन उन्होंने राजनीतिक तरीके से इसे संभालते हुए अपनी छवि को नुकसान से बचाया।
अजीत पवार का छह बार डिप्टी सीएम बनना उनकी राजनीतिक चतुराई, गठबंधन राजनीति, और व्यक्तिगत प्रभाव का नतीजा है। यह उनकी नेतृत्व क्षमता और राजनीतिक समझदारी को दर्शाता है।